JNARDDC

जवाहरलाल नेहरू एल्युमिनियम अनुसंधान विकास एवं अभिकल्प केंद्र

स्वायत्त निकाय , खान मंत्रालय के तहत, भारत सरकार
Ministry of Mines India Amrut Mahotsav Recycling
नवीनतम घोषणा
1)  खनन मंत्रालय के अंतर्गत जेएनएआरडीडीसी गर्व के साथ ई-वेस्ट अभियान का आयोजन कर रहा है। ई-वेस्ट के पुनर्चक्रण में आपका छोटा सा कदम बड़ा प्रभाव डाल सकता है। 02 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक जेएनएआरडीडीसी के मिशन से जुड़ें।  |  
     Programs and Events

कार्यक्रम एवं आयोजन

जेएनएआरडीडीसी ने 20 सितम्बर 2025 को “हाइड्रेट और एल्युमिना के गैर-धातुकर्मीय अनुप्रयोगों में हालिया प्रवृत्तियाँ” विषय पर सफलतापूर्वक एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. सौमेन सिन्हा (कैल्डेरीज़) और डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी के प्रेरणादायी उद्घाटन संबोधनों के साथ हुआ। उन्होंने विशेष एल्युमिना क्षेत्र में स्वदेशीकरण की बढ़ती महत्ता पर बल दिया ताकि भारत की घरेलू मांग को पूरा करते हुए वैश्विक अवसरों का लाभ उठाया जा सके।

दो तकनीकी सत्रों का संचालन श्री अमोल मानकर, विभागाध्यक्ष और डॉ. एस. राय, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, एल्युमिना प्रभाग द्वारा किया गया, जिनमें एल्युमिना ट्राईहाइड्रेट, विशेष एल्युमिनाओं और विविध गैर-धातुकर्मीय अनुप्रयोगों के लिए क्रांतिकारी प्रक्रियाओं पर अग्रणी अनुसंधान एवं विकास (R&D) प्रस्तुत किए गए।

कार्यक्रम की गहराई को और बढ़ाते हुए, उद्योग जगत के नेताओं – हिंडाल्को, नाल्को, अल्माटिस एल्युमिना, हिंदुस्तान एब्रैसिव्स, कार्बोरंडम, धरती ग्रुप, आरएचआई मैग्नेसिटा, कैल्डेरीज़, पासारी मिनरल्स तथा अन्य ने उच्च शुद्धता वाली एल्युमिना, फ्लेम-रिटार्डेंट अनुप्रयोगों, स्थिरता के मार्ग और इस क्षेत्र को आकार देने वाली उभरती प्रौद्योगिकियों पर अपने विचार साझा किए।

बैठक का समापन “वे फ़ॉरवर्ड” चर्चा के साथ हुआ, जिसके बाद प्रतिभागियों को जेएनएआरडीडीसी की विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं का भ्रमण कराया गया। इसने एल्युमिना इकोसिस्टम में नवाचार और सहयोग के उत्प्रेरक के रूप में जेएनएआरडीडीसी की भूमिका को रेखांकित किया।

पूर्व सांसद, श्री किरीट सोमैया, जो मुंबई उत्तर-पूर्व से दो बार सांसद रह चुके हैं एवं भाजपा के उपाध्यक्ष हैं, ने 30 जनवरी 2024 को जेएनएआरडीडीसी (JNARDDC) का दौरा किया।
उन्होंने निदेशक, जेएनएआरडीडीसी के साथ धातु क्षेत्र में सतत विकास सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
इसके साथ ही उन्होंने वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी भाग लिया।

अंतरराष्ट्रीय विश्लेषणात्मक विज्ञान कांग्रेस 2024 (IASC-2024) का आयोजन आईएसएएस (ISAS) एवं जेएनएआरडीडीसी (JNARDDC) द्वारा 22 से 24 फरवरी 2024 तक किया गया।
इसका उद्घाटन वीएनआईटी (VNIT) सभागार में मुख्य अतिथि श्री परदीप मुखर्जी, सीईओ, बीआरआईटी (BRIT) तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. बी. सरवनन, निदेशक एएमडी (AMD) द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. राघव सरन, अध्यक्ष आईएसएएस, डॉ. ए. अग्निहोत्री, निदेशक जेएनएआरडीडीसी, प्रो. पी. एम. पाडोले, निदेशक वीएनआईटी तथा डॉ. राजेश एस. पांडे, प्राचार्य आरसीओईएम भी उपस्थित थे।

सह-आयोजक संस्थान: वीएनआईटी, आरसीओईएम, आईएसआरए, बार्क, नीरी तथा टीआईएफआर।

देशभर से वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के साथ-साथ ओमान, सिंगापुर आदि देशों से अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों ने भी इसमें भाग लिया। इसमें कृषि, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कीटनाशक एवं संबंधित क्षेत्र, खाद्य एवं खाद्य मिलावट, भू-वैज्ञानिक सामग्री, धातुकर्म, खनन, खनिज प्रसंस्करण, पेट्रोलियम रिफाइनिंग, रसायन और पेट्रो-केमिकल्स, फार्मास्यूटिकल्स और फाइन केमिकल्स, फॉरेंसिक, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, स्पेस टेक्नोलॉजी, स्वचालन के साथ सूक्ष्मीकरण, रोबोटिक्स और एआई जैसी आधुनिक विश्लेषणात्मक तकनीकों पर संवादात्मक चर्चा हुई।

महिला वैज्ञानिकों, युवा शोधकर्ताओं और वरिष्ठ वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न श्रेणियों में अनेक पुरस्कार प्रदान किए गए।
डॉ. अनुपम अग्निहोत्री को प्रतिष्ठित आईएसएएस – डॉ. राजा रामन्ना पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया तथा जेएनएआरडीडीसी के डॉ. यू. सिंह, विभागाध्यक्ष (विश्लेषणात्मक) को आईएसएएस एनालिटिकल साइंटिस्ट ऑफ द ईयर 2023 पुरस्कार प्राप्त हुआ।

विस्तृत पुरस्कार सूची www.jnarddc.gov.in पर उपलब्ध है।

जेएनएआरडीडीसी के निदेशक, डॉ. अनुपम अग्निहोत्री को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर रामन साइंस सेंटर एवं आरटीएमएनयू, नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। यह दिवस भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता एवं भौतिक विज्ञानी सर सी. वी. रामन द्वारा खोजे गए "रामन प्रभाव" की स्मृति में मनाया जाता है।

अपने संबोधन में डॉ. अग्निहोत्री ने युवा विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे विज्ञान को अपने करियर के रूप में अपनाएँ और वैज्ञानिक अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दें, जिससे मानवता को लाभ हो सके।

माननीय केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने, माननीय राज्य मंत्री (कोयला, खान एवं रेलवे) श्री रावसाहेब पाटिल दानवे की उपस्थिति में, 29 फरवरी 2024 को प्रगति विहार, नई दिल्ली में खनन क्षेत्र में कार्यरत 5 चयनित स्टार्टअप्स को वित्तीय अनुदान पत्र प्रदान किए।

चयनित स्टार्टअप्स:

  1. अश्विनी रेयर अर्थ प्राइवेट लिमिटेड, पुणे

  2. कैलीश प्राइवेट लिमिटेड, शिलांग

  3. सेलार्क पावरटेक प्राइवेट लिमिटेड, भुवनेश्वर

  4. एलएन इंडटेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, भुवनेश्वर

  5. सारू स्मेल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, मेरठ

यह पहली बार है जब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (खान) निधि को स्टार्टअप्स और एमएसएमई तक विस्तारित किया गया है। इसका कार्यान्वयन जेएनएआरडीडीसी, नागपुर द्वारा किया जा रहा है।

इस अवसर पर श्री वी. एल. कंठा राव, सचिव (खनन) एवं अध्यक्ष, एपेक्स समिति तथा डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी नागपुर एवं अध्यक्ष, टीईसी भी उपस्थित थे।

जवाहरलाल नेहरू एल्युमिनियम अनुसंधान, विकास एवं डिजाइन केंद्र (JNARDDC), नागपुर और विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (VNIT), नागपुर ने वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग हेतु आपसी समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

खनन मंत्रालय के उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्यरत जेएनएआरडीडीसी को हाल ही में स्टार्टअप्स एवं एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए PRISM योजना के तहत कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। वहीं, वीएनआईटी एक राष्ट्रीय महत्व का शैक्षणिक संस्थान होने के नाते अन्य सभी एनआईटी के साथ मिलकर भारत के युवाओं के भविष्य को आकार देने का कार्य कर रहा है।

यह एमओयू विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के बीच सक्रिय सहभागिता का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे खनिज और धातु क्षेत्र में वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति जैसे रीसाइक्लिंग, परिपत्र अर्थव्यवस्था, क्रिटिकल मिनरल्स आदि को बढ़ावा मिलेगा।

इस समझौते पर हस्ताक्षर डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी और डॉ. प्रमोद एम. पाडोले, निदेशक, वीएनआईटी द्वारा दोनों संस्थानों के विभागाध्यक्षों की उपस्थिति में किए गए।

जवाहरलाल नेहरू एल्युमिनियम अनुसंधान, विकास एवं डिजाइन केंद्र (JNARDDC), नागपुर, जो एल्युमिनियम अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अग्रणी कार्यों के लिए विख्यात है, ने 16 अप्रैल 2024 को अपने 35वें स्थापना दिवस का गौरवपूर्ण आयोजन किया। खनन मंत्रालय के तत्वावधान में स्थापित जेएनएआरडीडीसी ने तीन दशक से अधिक समय में अनुसंधान, विकास एवं डिजाइन के क्षेत्र में ज्ञान और प्रौद्योगिकी की सीमाओं को आगे बढ़ाते हुए खनन और धातुकर्म क्षेत्र के विकास और सततता में अमूल्य योगदान दिया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर जेएनएआरडीडीसी ने पुनः उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

मुख्य अतिथि के रूप में श्री इंद्र देव नारायण, सीएमडी, एमईसीएल एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री पंकज कुमार, महाप्रबंधक (QC), एसईसीएल ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी ने केंद्र की 34 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा और उपलब्धियों का विस्तार से वर्णन किया, विशेषकर S&T-PRISM कार्यक्रम जैसी पहलों के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने की भूमिका पर प्रकाश डाला।

श्री नारायण ने केंद्र की समृद्ध विरासत पर गर्व व्यक्त किया और इसके उज्ज्वल भविष्य की आशा जताई, वहीं श्री कुमार ने जेएनएआरडीडीसी की कोयला नमूनों की थर्ड-पार्टी रेफरी लैब के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शनकारी स्थिति को रेखांकित किया।

इस अवसर पर “माइनिंग, मिनरल एवं रीसाइक्लिंग स्टार्टअप बूटकैंप: उद्यमिता का सार” विषय पर एक आकर्षक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें देशभर के विशेषज्ञों एवं उद्यमियों ने अपने अनुभव और सफलता की कहानियाँ साझा कीं।
इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए एल्युमिनियम एक्सट्रूज़न मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALEMAI) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जो भविष्य में सहयोगी अनुसंधान और विकास को नई दिशा प्रदान करेगा।

विशिष्ट वक्ताओं में शामिल रहे:

  • श्री अश्विनी कुमार पांडे, सेलार्क पावरटेक प्रा. लि., कटक

  • श्री अशुतोष कुमार, कैलीश प्रा. लि., शिलांग

  • डॉ. सुहास बुध्दे, सीएमडी, बायोकेयर इंडिया प्रा. लि., आईआईएम नागपुर से संबद्ध

  • डॉ. सुनील भट, इसरो स्पेस टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर, वीएनआईटी नागपुर

  • ब्रबसुथन मुरुगेसन, सत्यभामा इन्क्यूबेशन सेंटर, चेन्नई

  • श्री अंकुर अग्रवाल एवं श्री जितेन्द्र चोपड़ा, एलेमाई, अहमदाबाद

पुरस्कार एवं सम्मान:

  • नवाचार और तकनीकी योगदान हेतु श्री आर. एन. चौहान, डॉ. यू. सिंह, डॉ. पी. जी. भुक्ते, डॉ. सुचिता राय एवं डॉ. मोहम्मद नज़र को तकनीकी पुरस्कार प्रदान किए गए।

  • “कर्मचारी वर्ष 2023-24” का प्रतिष्ठित पुरस्कार श्री नितिन वर्हाडपांडे को उनके उत्कृष्ट योगदान एवं समर्पण के लिए प्रदान किया गया।

कार्यक्रम की तकनीकी सत्र एवं प्रस्तुति का संचालन कुशलतापूर्वक श्री इमैनुएल राजू, कनिष्ठ वैज्ञानिक ने किया, जबकि श्रीमती आर. विशाखा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने अपने आकर्षक एवं पेशेवर अंदाज में कार्यक्रम का संचालन किया।
अंत में, श्री एम. टी. निमजे, विभागाध्यक्ष (एल्युमिनियम इलेक्ट्रोलिसिस) ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

जवाहरलाल नेहरू एल्युमिनियम अनुसंधान, विकास एवं डिजाइन केंद्र (JNARDDC), नागपुर ने ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE), नई दिल्ली के सहयोग से 3 मई 2024 को एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य एल्युमिनियम एवं सीमेंट क्षेत्रों में परिपत्र अर्थव्यवस्था (Circular Economy) को प्रोत्साहित करना और संसाधन दक्षता (Resource Efficiency) को बढ़ाना था, विशेष रूप से एल्युमिनियम उत्पादन से उत्पन्न Spent Pot-Lining (SPL) और अन्य अपशिष्ट उत्पादों के उपयोग के माध्यम से।

इस अवसर पर एल्युमिनियम एवं सीमेंट उद्योग के प्रतिष्ठित हितधारक, जैसे ग्लोबल सीमेंट एंड कंक्रीट एसोसिएशन (GCCA), नेशनल काउंसिल फॉर सीमेंट एंड बिल्डिंग मटेरियल्स (NCCBM) और विभिन्न प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
प्रतिभागियों ने जेएनएआरडीडीसी प्रयोगशाला में “SPL डिटॉक्सीफिकेशन एवं मटेरियल रिकवरी यूनिट” का लाइव डेमो देखा।

इस प्रक्रिया ने प्रथम कट SPL में उपस्थित लीचेबल साइनाइड की चुनौती को अभिनव हीट ट्रीटमेंट तकनीक द्वारा सफलतापूर्वक संबोधित किया। इसके अलावा, कार्यशाला में लीचेबल फ्लोराइड और सोडियम को निकालने, लीचेट को रीसायकल कर सोडियम/कॉस्टिक सांद्रता बढ़ाने तथा चूना उपचार द्वारा फ्लोराइड हटाने जैसे उपाय प्रस्तुत किए गए, जिससे अंतिम लिकर की कॉस्टिक सांद्रता में सुधार होता है।

श्री सुनील खंदारे, निदेशक (BEE) ने इस प्रक्रिया को बड़े स्तर पर लागू करने और ओडिशा में एक प्रमुख स्मेल्टर के पास पायलट प्लांट स्थापित करने की उत्सुकता व्यक्त की, जिसमें जेएनएआरडीडीसी तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।
डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी ने द्वितीय कट SPL के उपचार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला और सतत समाधान हेतु केंद्र की प्रतिबद्धता को दोहराया।

कार्यशाला के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) एवं ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों के साथ पर्यावरणीय अनुमोदन प्रक्रियाओं पर भी गहन चर्चा हुई, जिससे नियामक अनुपालन एवं पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।

प्रतिभागियों में BEE, IDAM Infra, Hindalco, Vedanta Limited, Ultratech Cement, My Homes Cement, GCCA, NCCBM, डालमिया सीमेंट भारत, और प्रिज़्म जॉनसन जैसी अग्रणी कंपनियों के उद्योग प्रतिनिधि शामिल थे।
सभी ने सर्वसम्मति से इस प्रदर्शित तकनीक को अपनाने का समर्थन किया ताकि SPL अपशिष्ट उपयोग के माध्यम से परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों को बढ़ावा दिया जा सके।

यह कार्यशाला एल्युमिनियम और सीमेंट उद्योगों में पर्यावरणीय संरक्षण और सतत प्रथाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो एक हरित और अधिक दक्ष भविष्य के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी तथा राज्य मंत्री (कोयला एवं खान) श्री सतीश चंद्र दुबे ने S&T PRISM योजना के अंतर्गत कुल ₹12.37 करोड़ की परियोजना स्वीकृति-पत्र 10 स्टार्टअप्स / एमएसएमई को प्रदान किए।

यह खनन मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप्स, एमएसएमई एवं व्यक्तिगत नवप्रवर्तकों को 2 वर्ष तक की अवधि वाली परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहित करना है। ये परियोजनाएँ खनिज और धातु क्षेत्र, खनन, धातुकर्म एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों के व्यावहारिक एवं सतत पहलुओं से सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं।

यह अनुदान उन्हें उस स्तर तक पहुँचाने में सहायक होगा, जहाँ वे एंजल/वेंचर कैपिटल निवेश आकर्षित कर सकें या फिर वाणिज्यिक बैंकों/वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने की स्थिति में आ सकें। यह फंडिंग विकास और व्यवसायीकरण के बीच सेतु का कार्य करेगी, जिससे नई तकनीकों/उत्पादों/सेवाओं को सरल एवं प्रभावी ढंग से बाजार तक पहुँचाया जा सके।

जेएनएआरडीडीसी (JNARDDC) ने इस योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने प्रस्तावों का मूल्यांकन कर अंतिम परियोजनाओं को स्वीकृति दिलाई।

खनिज संसाधनों के सुरक्षित, किफायती, तीव्र और दक्ष दोहन तथा उन्हें आर्थिक दृष्टि से व्यवहार्य मिश्र धातुओं और धातुओं में परिवर्तित करने के महत्व को देखते हुए, भारत सरकार के खान मंत्रालय ने 1978 से ही खनन और धातुकर्म क्षेत्र के अनेक अनुसंधान संस्थानों की R&D परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है।

इसी क्रम में माननीय मंत्री ने ₹11.26 करोड़ की कुल लागत वाले 24 अनुसंधान परियोजनाएँ प्रमुख अनुसंधान संस्थानों जैसे आईआईटी, आईआईएससी, एनआईटी, आईएसएम, सीएसआईआर प्रयोगशालाएँ, जेएनएआरडीडीसी आदि को प्रदान कीं।

यह कार्यक्रम स्कोप कन्वेंशन सेंटर, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, प्रगति विहार, नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें श्री वी. एल. कंठा राव, सचिव (खनन), श्री संजय लोहीया, अतिरिक्त सचिव (खनन) एवं डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी भी उपस्थित थे।

ये परियोजनाएँ TRL 3 से 7 स्तर तक को लक्षित करती हैं और इनके सफल परिणाम खनन क्षेत्र द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों का समाधान करेंगे। विशेष रूप से, इनका फोकस रणनीतिक क्रिटिकल मिनरल्स, रेयर अर्थ एलिमेंट्स, धातुओं, भूविज्ञान और अन्वेषण, डिकार्बोनाइजेशन पर रहेगा। साथ ही यह गैर-लौह धातु खंड में परिपत्र अर्थव्यवस्था और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने हेतु औद्योगिक अपशिष्टों के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करेगा।

अंतरराष्ट्रीय गैर-लौह धातु सम्मेलन (International Conference on Non-ferrous Metals) का 28वां संस्करण 12-13 जुलाई 2024 को होटल स्वोस्ती प्रीमियम, भुवनेश्वर में आयोजित किया गया। इसका आयोजन कॉरपोरेट मॉनिटर द्वारा जेएनएआरडीडीसी, नागपुर एवं सीएसआईआर-आईएमएमटी, भुवनेश्वर के साथ मिलकर किया गया।

डॉ. रामानुज नारायण, निदेशक, CSIR-IMMT ने सभी अतिथियों का स्वागत किया, जबकि डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, JNARDDC ने इस वार्षिक गैर-लौह धातु केंद्रित सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसके साथ जेएनएआरडीडीसी लगभग एक दशक से घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में इसका आयोजन नागपुर में हुआ था।

मुख्य अतिथि श्री हेमंत शर्मा, आईएएस, प्रमुख सचिव, उद्योग विभाग, ओडिशा सरकार ने आयोजन दल के प्रयासों की सराहना की और इसे राज्य सरकार के लिए औद्योगिक निवेश की योजना बनाने का एक उत्तम अवसर बताया।
विशिष्ट अतिथियों में श्री सुनील गुप्ता, सीईओ, वेदांता झारसुगुड़ा; श्री अमित राज, निदेशक (तकनीकी), मीकॉन; तथा श्री कैलाश पांडे, बिज़नेस हेड – माइनिंग एवं क्लस्टर हेड – संबलपुर, ओडिशा शामिल थे।

सम्मेलन में 180 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख कॉर्पोरेट और अनुसंधान एवं विकास संगठन जैसे नाल्को, हिंदाल्को, वेदांता, बाल्को, स्टरलाइट कॉपर, बिरला कॉपर, हिंदुस्तान जिंक, मीकॉन, एम.एन. दास्तुर एंड कंपनी, जेएनएआरडीडीसी, सीएसआईआर-एनएमएल, सीएसआईआर-आईएमएमटी, एलमेक, ईआरसी टेक्नोलॉजी, यूनिसेवन आदि शामिल थे।

जेएनएआरडीडीसी के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने सम्मेलन में पाँच शोध पत्र प्रस्तुत किए।
दो दिवसीय सम्मेलन में कुल 4 थीम पेपर्स, 9 अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियाँ और प्रायोजित प्रस्तुतियाँ शामिल थीं।

डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया।
इस अवसर पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद किया गया तथा विकसित जेएनएआरडीडीसी और विकसित भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।

जय हिन्द!

डॉ. अनुपम अग्निहोत्री ने प्रकाश अलॉयज उद्योग, जगाधरी, हरियाणा का दौरा किया ताकि एल्युमिनियम बर्तन रीसाइक्लिंग उद्योग में चुनौतियों पर चर्चा की जा सके, जिसमें प्रक्रिया की दक्षता और सततता शामिल हैं।
इस दौरे में उद्योग को आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया और भविष्य में सहयोग की रूपरेखा तैयार की गई, जिसमें तकनीकी समर्थन और नवाचारी समाधान के माध्यम से उद्योग की वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

यह प्रतिष्ठित वार्षिक कार्यक्रम The Westin, मुंबई में आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत के गैर-लौह धातु और व्यापार उद्योग को आगे बढ़ाना तथा सतत धातु रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित करना था।
डॉ. अग्निहोत्री ने इस सत्र में महत्वपूर्ण विचार साझा किए और उद्योग के लिए नवाचार और नीतिगत ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि क्षेत्र का भविष्य अधिक हरित, कुशल और सतत बनाया जा सके।

श्री जी. किशन रेड्डी, माननीय केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री, ने 13 फरवरी 2025 को जेएनएआरडीडीसी, नागपुर का दौरा किया और केंद्र की गतिविधियों की समीक्षा की।
उन्होंने दो नई अनुसंधान सुविधाओं का उद्घाटन किया:

  1. ICP-MS (क्रिटिकल मिनरल एवं REE लैब)

  2. मैक्रो TGA फॉर कोयला लैब

इसके अलावा, उन्होंने डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी के साथ मिलकर वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया।

इस अवसर पर बोलते हुए, उन्होंने हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) का उल्लेख किया। इस मिशन का उद्देश्य क्रिटिकल मिनरल्स की दीर्घकालिक सतत आपूर्ति सुनिश्चित करना और भारत की क्रिटिकल मिनरल वैल्यू चेन को मजबूत करना है, जिसमें खनिज अन्वेषण, खनन, लाभकारीकरण, प्रसंस्करण और जीवन-उत्पाद से पुनर्प्राप्ति सभी चरण शामिल हैं।

उन्होंने जेएनएआरडीडीसी द्वारा किए जा रहे अनुसंधान और रीसाइक्लिंग कार्यों की सराहना की और क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु नवाचारी अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं और विचारों की अपेक्षा व्यक्त की।

इस दौरे के बाद MECL और IBM की गतिविधियों की समीक्षा भी की गई।

जेएनएआरडीडीसी, नागपुर, जिसे S&T-PRISM योजना के कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है, ने 28 मार्च 2025 को एक औपचारिक कार्यक्रम में दस स्टार्टअप्स के साथ MoU पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर ने स्टार्टअप्स और एमएसएमई को वित्तीय अनुदान जारी करने का मार्ग प्रशस्त किया

यह अनुदान उन्हें उस स्तर तक पहुँचाने में सहायक होगा, जहाँ वे एंजल/वेंचर कैपिटल निवेश प्राप्त कर सकें या वाणिज्यिक बैंकों/वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने की स्थिति में आ सकें।

अधिकारियों ने अध्यक्ष, एपेक्स समिति, श्री वी. एल. कंठा राव, IAS, सचिव (खनन) और डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी एवं अध्यक्ष, TEC के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने इतनी कम समयावधि में अनुदान स्वीकृत किए।

PRISM 3.0 योजना के अंतर्गत कुल ₹14.48 करोड़ निम्नलिखित दस संस्थाओं को स्वीकृत किए गए:

  1. PolyProtic Chemicals Pvt. Ltd., गुजरात

  2. Skanda Precision Design, कर्नाटक

  3. PG Tech Pvt. Ltd., मध्य प्रदेश

  4. Ishita International, महाराष्ट्र

  5. Zwilling Labs Pvt. Ltd., महाराष्ट्र

  6. Regen Materials Pvt. Ltd., ओडिशा

  7. Reseapro Labs Pvt. Ltd., ओडिशा

  8. Aayogh Engineering Pvt. Ltd., ओडिशा

  9. Sthyr Energy Pvt. Ltd., तमिलनाडु

  10. PR & SE Carbides Pvt. Ltd., तेलंगाना

यह फंडिंग विकास और नवाचारी तकनीकों/उत्पादों/सेवाओं के व्यवसायीकरण के बीच सेतु का कार्य करेगी।
जेएनएआरडीडीसी ने इस योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें प्रस्तावों का मूल्यांकन और अंतिम परियोजना पुरस्कार देना शामिल था, और TEC के अध्यक्ष के रूप में डायरेक्टर, जेएनएआरडीडीसी ने कार्य किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जनवरी 2016 को लॉन्च की गई स्टार्टअप इंडिया पहल का उद्देश्य स्टार्टअप्स में नवाचार को बढ़ावा देना और देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश को प्रोत्साहित करना है।
S&T-PRISM योजना इस स्टार्टअप मिशन को बढ़ावा देने वाली प्रमुख पहलों में से एक है, और आज भारत वैश्विक स्तर पर तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में गर्व महसूस करता है। यह योजना स्टार्टअप्स और एमएसएमई के माध्यम से नवाचार-उन्मुख विकास पर मंत्रालय के फोकस को दर्शाती है।

जेएनएआरडीडीसी ने 25 अप्रैल 2025 को अपने 36वें स्थापना दिवस का आयोजन किया, जिसमें क्रिटिकल मिनरल्स पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री जयप्रकाश द्विवेदी, CMD, WCL उपस्थित थे, जिन्होंने कोयला नमूनों के विश्लेषण के लिए WCL के साथ और अधिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अनिल कुमार सिंह, निदेशक (तकनीकी), WCL और श्री एस. के. अधिकारी, चीफ माइनिंग जियोलॉजिस्ट उपस्थित थे।

डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, जेएनएआरडीडीसी ने केंद्र की गौरवपूर्ण यात्रा का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में “अगली पीढ़ी के लिए क्रिटिकल मिनरल्स की शक्ति का अनावरण” विषय पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें जेएनएआरडीडीसी, IBM, MECL, AMD, नागपुर विश्वविद्यालय और NIIST, तिरुवनंतपुरम के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया। इस सत्र का समन्वयन डॉ. उपेंद्र सिंह, HoD (Analytical) ने किया।

साथ ही, जेएनएआरडीडीसी और CSIR-NIIST के बीच विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग हेतु MoU पर हस्ताक्षर किए गए।

नवाचार में उत्कृष्टता को पहचानते हुए, तकनीकी पुरस्कार परियोजनाओं, पेटेंट और वैज्ञानिक प्रकाशनों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रदान किए गए।
श्री जी. बी. भास्कर को उनके समर्पण और उत्कृष्ट सेवा के लिए “कर्मचारी वर्ष 2024-25” का पुरस्कार प्रदान किया गया।

रीसाइक्लिंग प्रमोशन डिविजन, जेएनएआरडीडीसी, जो खन मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, ने समर्पित “नॉन-फेरस मेटल रीसाइक्लिंग वेबसाइट और स्टेकहोल्डर्स पोर्टल” लॉन्च किया, जिसका उद्घाटन माननीय केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी ने किया।

यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नेशनल नॉन-फेरस मेटल स्क्रैप रीसाइक्लिंग फ्रेमवर्क के तहत विकसित किया गया है और इसका उद्देश्य एल्युमिनियम, कॉपर, जिंक, लेड और क्रिटिकल एलिमेंट्स के रीसाइक्लिंग के लिए अधिक संरचित, सतत और उत्तरदायी इकोसिस्टम बनाना है।

पोर्टल का उद्देश्य उद्योग के लिए एक सहयोगात्मक इंटरफ़ेस प्रदान करना है—जो रीसायकलर, डिस्मैंटलर, एग्रीगेटर, ट्रेडर, कलेक्शन सेंटर और उद्योग संघों को एक साथ लाता है। यह प्लेटफ़ॉर्म सूचना का आदान-प्रदान, स्टेकहोल्डर सहभागिता और डेटा-आधारित समर्थन को बढ़ाने में सहायक होगा।

स्वैच्छिक पंजीकरण और डेटा साझा करने के माध्यम से मंत्रालय उद्योग की वास्तविक संचालन स्थिति को समझने और सरकारी समर्थन को भूमि स्तर की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने का प्रयास करता है।
सामग्री प्रवाह, क्षमता, तकनीक और कार्यबल से संबंधित प्रमुख डेटा संग्रह करके, यह प्लेटफ़ॉर्म उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करेगा जहाँ नीति हस्तक्षेप, बुनियादी ढांचा सुविधा, R&D या कौशल विकास उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा सकते हैं।

इसके अलावा, पोर्टल उच्च-स्तरीय विश्लेषण और अंतर्दृष्टि भी साझा करेगा, जिससे उद्योग के सदस्य उत्पाद पोर्टफोलियो विकास, तकनीकी उन्नयन, प्रदर्शन मानक निर्धारण और उभरते बाजार अवसरों के बारे में सूचित निर्णय ले सकेंगे।

मंत्रालय सभी नॉन-फेरस मेटल उद्योग संघों को प्रोत्साहित करता है कि वे पोर्टल पर पंजीकरण करें और अपने सदस्य संगठन को भी व्यक्तिगत रूप से पंजीकरण करने के लिए मार्गदर्शन दें। यह सामूहिक सहभागिता क्षेत्र की एक गतिशील राष्ट्रीय तस्वीर तैयार करने में मदद करेगी और सुनिश्चित करेगी कि नीति ढांचे वास्तविक समय के उद्योग डेटा पर आधारित बने रहें।

स्थान और तिथि: नई दिल्ली, 7 मई 2025

जेएनएआरडीडीसी का रीसाइक्लिंग प्रमोशन डिविजन, जो खन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, ने 31 मई 2025 को विवांता, हैदराबाद, बेगंपेट में गैर-लौह धातु रीसाइक्लिंग पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया।

कार्यशाला में TAUMA और अन्य उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो एल्युमिनियम, तांबा और सीसा रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने उद्योग की चुनौतियों और महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टियाँ साझा कीं।

सत्र में मुख्य रूप से नीति समर्थन सुधारने, गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने और रीसाइक्लिंग बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई।

यह कार्यक्रम गैर-लौह धातुओं के लिए परिपत्र अर्थव्यवस्था की दिशा में एक मजबूत कदम के रूप में देखा गया।

स्थान और तिथि: विवांता, हैदराबाद, बेगंपेट, 31 मई 2025

जेएनएआरडीडीसी का रीसाइक्लिंग प्रमोशन डिविजन, जो खन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, ने 31 मई 2025 को विवांता, हैदराबाद, बेगंपेट में गैर-लौह धातु रीसाइक्लिंग पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया।

कार्यशाला में TAUMA और अन्य उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो एल्युमिनियम (Al), तांबा (Cu) और सीसा (Pb) रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने उद्योग की प्रमुख चुनौतियाँ और महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए।

सत्र में मुख्य रूप से नीति समर्थन सुधारने, गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने और रीसाइक्लिंग अवसंरचना को मजबूत करने पर चर्चा की गई।

यह कार्यक्रम गैर-लौह धातुओं के लिए परिपत्र अर्थव्यवस्था (Circular Economy) की दिशा में एक मजबूत कदम के रूप में देखा गया।

स्थान और तिथि: विवांता, हैदराबाद, बेगंपेट, 31 मई 2025

JNARDDC
×